Book Title: Swaroopsambhodhan Panchvinshati
Author(s): Bhattalankardev, Sudip Jain
Publisher: Sudip Jain

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Page 145
________________ 116. विश्व व्यापी | 147. स्वरूपादि 117. व्यय 148, स्वरूपसंबोधनपञ्चविंशतिः 118. व्यामोह 149. स्वस्मात् ]]9, शक्तित: ___16, 26 150. स्वस्मिन् 120. शिवम् 151. स्वस्मै 121. संविदादि 152. स्वस्य 122. सदृष्टिज्ञानचारित्र 153. स्वसंवेद्यस्वरूपे 123. समूर्ति 154. स्वात्मनिष्ठ 124. सम्यग्ज्ञान 155. स्वात्मलब्धि 125. सम्मत 156. स्वार्थव्यवसायात्मा 126. सर्व 157. स्वेन 127. सर्वगत 158. हन्त 128. सर्वत: 159. हितान्वेषी 129. सावलम्बनः 19 | 160. हेतुफलावह: 130. सुख | 161. हेयत: 131. सुख-दु:ख 162, हेयोपादेयतत्त्व 132. सुलभा 133. सर्वथा 134. सहकारक 135. सोपयोग 136. सौस्थ्य 137. सौस्थित्य 138. स्थिति 139. स्थिर 140. स्याद् 141. स्व: 142, स्वं 143. स्वतत्त्व 144. स्वदेहप्रमित 145. स्वधर्म 146. स्वयमेव 22, 24, 25

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