Book Title: Swaroopsambhodhan Panchvinshati
Author(s): Bhattalankardev, Sudip Jain
Publisher: Sudip Jain
View full book text
________________
11.
9,20,21
54. झानदर्शनत:
83. प्रमिति 55. ज्ञानमात्र
| 86. प्रमेयत्वादि 56. ज्ञानमर्ति
87. फल 57. तत्फलानां
10 88. बहिः 58 तत्त्व
___11, 16, 17 | 89. बहिरंगक 59. तत्त्वचिन्तापरः
18 90. बन्ध 60. तपः
| 91. बाह्य 61. तृष्णा
भिन्न 62. दर्शन
भावनादार्प 63. दुःख
भोक्ता दुराधेयः
माध्यस्थ: 65. दृष्टा
14 | 96. मुक्त 66. देशकालादि
97. मुक्तत्व 67. दोषनिर्मुक्ति
98. मूलहेतु 68. दौस्थ्य
99. मोक्ष 69. धर्म
100. मोक्षेऽपि 70. नानाज्ञानस्वभाव
101. यत्न 71. निम्मोह
102. याथात्म्य 72. निर्वाच्य
103. यथावद् 73. निरालम्ब
104. रञ्जित 74. नीलीरक्ताम्बर
105. राग 75. पदम्
106. राग-द्वेष-विवर्जित 76. परम्
, 107. वक्तव्य 77. परधर्म
108. वस्तु 78. परभाव
| 109. वस्तुनिीति 79. परमात्मा
1 | 10. वस्तुरूपेण 80. परमात्मसम्पद
11. वाङ्मय 81. पर्याय
13 | 112. वाचाम् 82. पूर्वापरीभूत
| 113. वाच्य ४३. पृथक
12 | 114. विधि-निषेधात्मा 84. प्रदीपवत्
12 | 115. विपर्यय

Page Navigation
1 ... 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153