Book Title: Sursundari Chariyam Author(s): Dhaneshwarmuni Publisher: View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit www.kobatirth.org नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स / सिरीधणेसरमुणिविरइयं सुरसुन्दरीचरिअं। WE ARARHR 482*48-8-246392* सुहसामनपइनासमयसमारद्धलोयकम्मस्स / अमरवइवयणधरिओ परिकुडिलो कुंतलकलावो // 1 // कन्नासन्ने सोहइ जस्स अव| स्थाणपत्थणत्व / चित्तमंतररुद्धप्पवेसकंदप्पडन्छ // 2 // अहवा। सोहइ जस्स सुसंगयउभयंसलुलंतकुंतलकलावा। मुत्ती सुवनवन्ना सकजलग्गव्व दीवसिहा ॥३॥जस्स पणामा पावइ पलयं पउरोपि विग्घसंघाओ / तस्स रिसहस्स पढमं नमामि पयपंकयं पयओ // 4 // चतुर्भिः कलापकम् // अजियाइणो जिणिदे बंदे जम्मंमि | जेसिममरिंदा / रागाइणो वि सत्तू पंचतं पाविया समयं // 5 // जम्मणसमयाणतरसुमेरुसिहराभिसेयसमयम्मि / सकंदणकयकुविय सामन्नं श्रामण्यम् / 2 अमरेन्द्रपक्षे स्वीयपश्चरूपत्वम् , जिनेश्वरजन्माभिषेकसमये चामरादिधारकतया सौवरूपपञ्चककरणस्य तेषामाचारात् , रागादिपले पञ्चवं नाशः / 3 समकं युगपत् / For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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