Book Title: Sursundari Chariyam Author(s): Dhaneshwarmuni Publisher: View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir PHER सुरसुंदरी चरि अनुक्रमणिका // 6 // 132 E प्रश्नः। रिणा तज्ज्ञापनम् / चित्रधेगादीनां दीक्षा- / ग्रहणं चेति। षोडशः परिच्छेदः। मकरकेतो राज्यशासनपद्धतिः। शुभकृत्यानि / सुरसुन्दरीस्वप्नः। रामः सभार्यस्य हिमवति गमनम् / तत्रोचाने दम्पत्योः प्रश्नोत्तरविनोदकृष्णसर्पदंशविपापहारा:, गर्भाधानम्, पुत्रद्वयप्रसूतिः, युवराजविवाहश्च। मदनवेगस्य दासीरूपेण नृपवधोधमा / राशा तस्य कायगृहे क्षेपणम् / पर्युषणायां तन्मुक्तिः। पुनाराजविघातचेष्टा / तत्रापि निष्फलता चेत्यादि / चित्रवेगसूरिसमवसरणम् / राशा मदनवेगस्य धैरनि मित्तं ज्ञातुमिच्छा। रिणा तदुत्तरदानम् / सुरसुन्दरीमकरकेतुप्रवज्योपादानं च। चित्रगत्यपहारः। सूरिदेशना। मकरके तुमुनेर्मुक्त्यपाप्तिः। सरिसुरसुन्दरीप्रभृतीनां केवलशानोत्पत्तिः। सर्वेषां मोक्षप्राप्तिः। ग्रन्थकल्लघुता। प्रशस्तिः। अन्यसमाप्तिश्चेति। 136 HER -* . // 6 // For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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