Book Title: Surajprakas Part 02
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

Previous | Next

Page 442
________________ छंदनाम हणूंफाळ | प्रथम पंक्ति श्रो 'बुध' बूंदी ईस कटहड़ों मंडप कराळ कथ श्री कीध करार [ ५४ ] कथ एम सुणि मचकूर कथ कहे एम कुण कथ ख खमां कहत करि कड़ा सोवन काज करि कनक छड़ियाँ केक करि जाजमां पर कीध करि तहस नहसां केक करि रजत कंचन केक कळ रंग घाट कुमाच किलंगी स तुरा केक काजिये इण विध कांम कीजिये फेर सकाज कुंभ सुपहरण की कुळ भांग विरद कहाय के जड़ित जवहर कांम कोतिल बह कांग खट छपर चंदण खाट खित नको जोतिस खूंच गजगांमणि सोळ सिंगार गज बोल चित्रह गात गढ़ लीध करि गजगाह गाजतां गयंद गंभीर गायरी नृत संगीत ग्रहि अमीर-स बेगार ग्रहणे साह गर घड़ पड़े स िघमसांण घण सोर जोर न घात चढ़ि एण विध चक्रवत्ति चळ चळे चवदह चाळ चालंत इम चतुरंग छक वंस पूर छतीस छ विच पुर छाडि Jain Education International For Private & Personal Use Only पृ० प्रकरण पद्यांक ६१ ६ २२५ १०४ ६ २७६ ८७ ६ १६६ ७८ ६ १४० ८० ६ १५३ १४७७ ८७ १४४ ७ ७२ १३६ ७ ૪૪ १४२ ७ ६१ १०३ ६ २६८ १०५ ६ २८१ १०७ ६ २६५ १३७ ७ ३२ ७६ ६ १४५ ८६ ६ १६५ १४५ ७ ७६ ११० ६ ३१२ १३६ ७ २४ १३६ ७ ४२ १०३ ६ २७३ २३४ ७ २५७ ७ ७७ १४५ १३५ ७ २२ ८५ ६ १८६ ११० ६ ३१३ ६० ६ २१६ १०७ ६ २६३ ६ ८३ १७७ १०४ ६ २७४ १०६ ६ ३०४ १४७ ७ 5& ८६ ६ १६० १४० ७ ४६ ६२ ६ २३२ ८६ ६ २१२ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464