Book Title: Subodh Jain Pathmala Part 01
Author(s): Parasmuni
Publisher: Sthanakvasi Jain Shikshan Shivir Samiti Jodhpur

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Page 12
________________ - समझाना और. कंठस्थ कराना चाहिए। ३ कथा विभाग में । १ भगवान महावीर ४ गणधर श्री इन्द्रभूति तथा ५ महासतो चन्दनबाला - ये पहली तीन कथाएँ करानी चाहिए तथा काव्य-विभाग में १. परमेष्ठि नमस्कार, २ चतुर्विशतिस्तव, ३. तीर्थकर स्तव, 8 गुरुवन्दनादि तथा-५, स्थानकजी में जाएं- ये पाँच काव्य करवाने चाहिएँ। शेष दूसरे वर्ष में पढाया जा सकता है। स्व. शतावधानी श्री केवलमनिजी म० का शिष्य : पारसमुनि : चार :

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