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સૃષ્ટિવાદ અને ઈશ્વર
ઉંઘ કદી આવે નહિ તેપણ, સુંદર સેજ બિછાવે, કામ-વિકાર નહિ તેએ પણ, પ્રેમ ધરી પરણાવે. માનવ. ૪ અશુદ્ધ થયેલ મને સમજીને, નિત નિત સ્નાન કરાવે, શુદ્ધસ્વરૂપી હું છું તથાપિ, આમ અવિદ્યા જણાવે. માનવ. ૫ નિર્ધાનીયાની પેઠે મુજને, ઘરઘર ભીખ મંગાવે, નખોદિયાના માલ ખજાના, ભારા નામે ચડાવે. માનવ. ૬ નિર્વિકારી નિર્લેપીને, વિકારી સરાગી ઠરાવે, છેક ઉતારી નાખી મુજને, પામર આમ પુજાવે. માનવ. ૭
આધુનિક વિદ્વાનોના અભિપ્રાય.
ईश्वर के सम्बन्ध में राहुल सांकृत्यायन का अभिप्राय.
ईश्वर का विचार हमारे सभी कामों में कठिनाई पैदा करता है। ईश्वर का ख्याल ही यह सिखलाता है कि हम अपने मालिक नहीं। कितने ही धर्म इसलिये सन्ताननिरोध के विरोधी हैं कि मनुष्य को ईश्वर के काम में दखल देने का अधिकार नहीं है। यदि जनसंख्या कम करना उसे मंजूर होगा, तो वह उसके लिये बड़ा काम नहीं है।
पिछले वर्ष जब हम कश्मीर राज्य के वाल्तिस्तान प्रदेश में थे। वह तृणवनस्पति शून्य पहाडी स्थान है। वहाँ इच्छानुसार पानी की नहरों और खेतों के बनाने का सुभीता भी उतना नहीं है। हम लोग जाते वक्त रास्ते के एक गाँव में ठहरे थे । गाँववालों की गरीबी वर्णनातीत थी। पूछने पर मालूम हुआ आधी सदी पहले इस गाँव में सिर्फ पांच घर थे, किन्तु अब बीस हैं । यह लोग कुछ शता