Book Title: Sramana 1995 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 39
________________ 19. विशेष द्रष्टव्य 'उत्तराध्ययनसूत्र, अध्याय 23 20. महावीर की प्रथम स्त्री शिष्या महासती चन्दनबाला की माता धारिणी के द्वारा अपने xxx जैनदर्शन में नैतिकता की सापेक्षता और निरपेक्षता : 133 सतीत्व की रक्षा के लिए की गई आत्महत्या को जैन विचारणा में अनुमोदित ही किया गया है। इसी प्रकार महाराजा चेटक के द्वारा न्याय की रक्षा के लिए लड़े गये युद्ध के आधार पर उनके अहिंसा के व्रत को खण्डित नहीं माना गया है। 21. शर्मा, ईश्वरचन्द्र पाश्चात्य आचारशास्त्र का आलोचनात्मक अध्ययन, पृ० 139 (अ) अधिगत निशीथादिश्रुत सूत्रार्थं 22. ( ब ) गीतो - विज्ञातो कृत्याकृत्य लक्षणोऽर्थो येन स गीतार्थः । अभिधान राजेन्द्रकोष, खण्ड 3 23. आयं कारणं गाढं, वत्थु जुत्तं ससत्ति जयणं च । सव्वं च सपडिवक्खं, फलं च विधिवं वियाणाह । । - बृहत्कल्पनिर्युक्तिभाष्य - 951 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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