Book Title: Silakkhandhavagga Abhinava Tika Part 2
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 423
________________ [१२] खीणाति - १३७ खीणासवभावतो - २९० खीणासवसामणेरो- १७५, २३१ खीणासवो - १३७, १५९, २९७ खीणासवं - २९७ खीरपञ्ञत्ति - ३४९ खुद्दकभावो - ४९ खुरधारूपमन्ति - २३२ खुरपरियन्तो - ३२ खेत्तड्डूनन्ति - २१८ खेत्तविज्जाति - २३५ खेमन्तभूमिं - ११३ खेळफुसितानीति - २४९ खोतीति - १२० खोभेत्वाति - ८ ग गङ्गाय - ३३, २२६ गङ्गोदकञ्च - ६८ गणयन्तोति - २३८ गणसङ्गणिका - ४८ गणाचरियोति - ३२५ गणीति - १४, २५५ गणीभूताति - २४६ गण्ठिकाति - ३९ गण्ठिम्हीति - ३८ गतपच्चागतिकं - ७५ - २९७ गतियोति गन्थोति - १९० गन्धकुटिपरिवेणेति - २५२ गन्धारराजा - १७५ गन्धारेन - ३६१ गब्भा - ३७१, ३७२ गयासीसनामको गयासीसेति - ३६३ - ३६३ Jain Education International दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गअभिनवटीका-२ गरु - १५२, ३७१ गरुकन्ति - ३५६ गरुडो - १६ गरुन्ति - २७ गरुपत्तोति - ८७ गलग्गाहाति - गवाति - ३४९ गवेसीति - २३८ - २७६ गहकारक - १३२ गहणी - २४७ गहपतिकोति - ४९ गहितधम्मा - १२६ गहितभावदस्सनन्ति - १३५ गहं - २,४९ गामघातका - २६५ गामन्ति - १५६ गामपूजितोति - १५७ गामभागेनाति - २७५ गामोति - २६७ गावुतं - ७५ गिज्झकूटे - ३२०, ३२१ गीतन्ति - ११३, २३६ गुणकथायाति - १५ गुणत - ३७८ गुणदस्सनं ४, १२२ गुणना- २१९ - गुणे - १८, १४४, २५० गुहा - १०४ गूथट्ठानसदिसं - ३३९ गेधेनाति - ३७९ गेलञ्ञाभावो - ३५६ गोचरगामस्स - ४ गोचरन्ति - ७२ गोचरसम्पजञ्ञभावतो - ८१ गोचरसम्पज - ७१, ९५ गोतमोति - १८६, १८७, १८८, १९६, ३५५ 12 For Private & Personal Use Only [ग-ग] www.jainelibrary.org

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