Book Title: Silakkhandhavagga Abhinava Tika Part 2
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 429
________________ [१८] दालिद्दियेनाति - २७६ दासब्यन्ति - ४६ दासिपुत्तवचनेति - २२५ दिट्ठधम्मिकसम्परायिकं - १७०,२६० दिट्ठधम्मिको - १७० दिट्ठधम्मिकंयेव - १५७ दिट्ठसच्चानन्ति - १५३ दिट्ठसुतमुतविञ्ञतमत्तेन - ३०६ दिट्ठि - १५०, १५४, १८६, ३४१ दिट्ठिगतन्ति - ३४२, ३७० दिट्ठिजुकम्मन्ति - १५४ दिट्ठिविप्पयुत्तचित्तेन - १५९ दिट्ठिसम्पन्नोति – १५९ दिब्बचक्खुत्राणन्ति - १४१ दिब्बचक्खु - १३२ दिब्बब्रह्म अरियविहारा - ३ दिब्बरूपदस्सनत्थं - २९२ दिब्बविहारो - ३ दिब्बसम्पत्तियो दिब्बसोतञाणं - २९२ - २४२ दिब्बा - ३७१, ३७२ दिब्बो - ३ दिवापधानिकाति - २१२ दीघकालवाचको - २४९ दीघागमे - ११४ दीपकन्ति - १२५ दुकूलं - ८५ दुक्करकम्मविपाकतो - १६९ दुक्खक्खयायाति - २११ दुक्खनिरोधगामिनिपटिपदाति दुक्खनिरोधगामिं - १५८ दुक्खनिरोधोति - १३५ दुक्खवेदना - ११०, ३५६ दुक्खसच्चं - १०९ दुक्खति - ३५० दुक्ख - १३५, १३६, १५१, १५९, ३४२ Jain Education International दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्ग अभिनवटीका-२ - १३५ दुग्गतिपरिकिलेसन्ति - १५१ दुजानाति - २२५ दुतियचेतसा - ३५० दुतियज्झानिकफलसमापत्ति - ३४७ दुतियज्झाने - ३४७ दुतियसिद्धीति - २११ 18 दुपरिच्चजा - २८० दुब्बलाति- ३४७ दुल्लभदरसनं - २०३, २०४ दुल्लभधम्मरतनं - ५१ - दुस्सपट्टे - २३७ दुयुगन्ति ५ दुसवेणी - २३७ दुस्सीलो - १६४ देय्यधम्मं - २६९ देवकायन्ति - १६० देवदत्तपरिसं - ६ देवनगरेति - १७९ देवयानियो - ३६६ देविद्धि - ६३ देवेहीति – ५६ देसनाति - ६०, ६१ दोणेनाति - ३९ दोसाभिसन्नन्ति - ५ दोसिना - १२ दोसोति - ३१, १०२, १६५, ३०६ दोहळोति - ६ द्वाहिकं - ३१३ द्विक्खत्तुमत्थदीपका - २३० द्विपाकारपरिक्खित्ते - ३८४ द्विमत्तकालमक्खरं- ६२ द्विलिङ्गिकभावविञ्ञापनत्थं - १२० विभङ्गादिधारणा - ३८५ देवसिकं - १३४, १८४, २६४, २६७, २७४, ३०१ देवाति - ५७ देवानमिन्दो - २०६ [द-द] For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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