Book Title: Siddha Hemchandra Dhatupath
Author(s): Hitvardhanvijay
Publisher: Kusum Amrut Trust

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Page 8
________________ ॥ साधारणजिनभक्तिस्तोत्रम् ॥ કર્તા : ગણી હિતવર્ધન વિજય ॐ नमोऽतीतदोषाय छिन्नवच्छद्मकर्मणे; ब्रह्मणे ब्रह्मरुपाय ब्रह्मस्थितिविधायिने जैनेन्द्राय जिनेन्द्राय संसृतिवार्द्धितारिणे; भूर्भुवःस्वोऽधीशानाय चिन्मनःपरमात्मने ॥२॥ ह्रीं नमो देवदेवाय सम्यग्ज्ञानस्वयम्भुवे; अक्षभाजः परोक्षाय स्वात्मरूपाय तायिने. साक्षराय यतीन्द्राय वागुत्पत्तिधरित्रये; आदिपुंसाय पात्राय निर्व्याबाधार्थसिद्धये अत्यर्थाय स्वभावायाऽनस्त्रशस्त्राय शर्मणे । शुक्लध्यानाऽऽततत्त्वाय तत्त्वाऽतत्त्वनिदर्शिने योगिने पारदर्शाय वाक्यातीतप्रभाविने; प्राप्ताऽनन्तचतुष्टाय पावनाय परात्मने गोविन्दाय मुकुन्दाय विष्णवे जिष्णवे पुनः । वेधसे जागरुकाय तीर्थङ्कृते सहिष्णवे ॥१॥ उत्कृष्टब्रह्मचर्याय सिद्धिप्रेयसीप्रेयसे हितवर्धनसेव्याय त्रिदशेन्द्राय ते नमः ॥३॥ 11811 ॥५॥ ॥६॥ 11911 11211

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