Book Title: Shrutsagar Ank 2013 11 034 Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संपादकीय श्रुतसागरनो ३४मो अंक आपश्रीना हाथमां छे. निर्वाण कल्याणकनी आराधनाना भाव हजीय हृदयमां अकबंध छे. परमात्माना निर्वाणथी मळेलुं आ पर्व परमात्मा साथे आपणुं अनुसंधान करावी आपे छे. सवि जीव करुं शासनरसीना भावथी व्याप्त थयेला प्रकाशना परमाणुओने पामवार्नु पर्व एटले दिवाळी. प्रभुना विरहनु पर्व एटले दिवाळी, प्रभुनी यादर्नु पर्व एटले दिवाळी, गुरु-शिष्यना अमरत्व- गान एटले दिवाळी. दिवाळी पर्व परमात्मानुं स्मरण करावी आपे छे. तो नवा वरसनी सवार गणधर भगवंतश्री गौतमस्वामीनी याद अपावे छे. जे पर्वनी पृष्ठभूमां मोक्षपद प्राप्ति अने परम ज्ञानपद प्राप्ति जेवी विश्वनी श्रेष्ठ घटना रहेली होय ए पर्वमां सुखशांति-समृद्धि अने आत्मिक समतानो विकास थया वगर न रहे. केलेन्डरमा आवता दिवाळीना दिवसोमां ज तेज के प्रकाशनी महत्ता समजी के जाणी शकाय एवं कांई नथी, रोज पडती सवारमां पण पर्वना दर्शन करवा ए आपणी पोतानी प्रकृति उपर निर्भर छे. जीवनमा आवता दरेक पर्वो नूतन बोध अने भव्य संदेशना आगमन साथे आवे छे. आपणने जगाडवा अने जीताडवा माटे आवे छे. प्रश्न आपणी जागृति अने संवेदनशीलतानो छे. दिवाळीना दिवसोमां पथरायेलो प्रकाश दिलना देवळने वधु प्रकाशित अने तेजस्वी बनावे एवी ज मनोकामना साथे... आ अंकनी वात : गुरुभक्त वाचकोनी घणा समयनी मांग होवाथी गया अंकथी प्रारंभायेली एक कोलम 'गुरुवाणी' हेठळ पूज्यपाद् आचार्यदेव गुरुभगवंतश्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. ना वचनामृतोने प्रकाशित करेल छे. साधना संदर्भ पू. गुरुभगवंतश्री ए करेला सचोट विस्तरणने आ अंकमां प्रकाशित कर्यु छे. विक्रमनी १९मी सदीमां थयेला विजयदेवेंद्रसूरि महाराज संबंधी बे लघुकृतिओ प्रायः सौ प्रथमवार अत्रे प्रकाशित करी छे. संपादन अने प्रकाशित थवानी राह जोती आवी केटलीय लघु रचनाओ आपणा ज्ञानभंडारोमां सुरक्षित अने संगृहीत छे. साध्वीवर्या श्री मधुररत्नाश्रीजी, रत्नहंसाश्रीजी द्वारा संपादित करेल गहलीनी बे अप्रकाशित लघुकृतिओ पण अत्रे प्रकाशित करी छे. पू. साध्वीजी भगवंते कृति-परिचयमां विषयने योग्य विस्तृत माहिती नोंधी वाचकनी उपयोगितामां सारो एवो वधारो कर्यो छे. श्रुतसागरना दरेक अंक माटे पोताना योगदान स्वरूपे For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36