Book Title: Shrutsagar 2015 12 Volume 02 07
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आचार्य श्रीकैलाससागरसरि ज्ञानमन्दिर में ग्रंथसूचना शोधपद्धति : एक परिचय रामप्रकाश झा कभी-कभी मात्र पुस्तक नाम से यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि उस पुस्तक में क्या-क्या है? परन्तु आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में मात्र पुस्तक नाम से शोध करने पर उस पुस्तक के अन्दर उपलब्ध समस्त विवरण क्षणमात्र में कम्प्यूटर-स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाता है, जिसे देखकर वाचक यह तय कर सकता है कि वह पुस्तक उसके लिए उपयोगी है या नहीं? उदाहरण के लिए मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली से ई. २००७ में प्रकाशित एक पुस्तक का नाम है- “THAT WHICH IS” इस नाम से यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि इस पुस्तक में क्या-क्या है? ___ परन्तु आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर के लायब्रेरी प्रोग्राम की पुस्तक शोधपद्धति में उस पुस्तककी शोध करने से क्षणमात्र में यह जानकारी प्राप्त हो जाती है कि इस पुस्तक में वाचक उमास्वाति के द्वारा रचित तत्त्वार्थाधिगमसूत्र का रोमन लिपि में लिप्यन्तरण है, जैनश्रावक नथमल टाटिया' के द्वारा किया गया उसका अंग्रेजी अनुवाद है तथा वाचक उमास्वाति के द्वारा ही किए गए तत्त्वार्थाधिगमसूत्र के स्वोपज्ञ भाष्य का भी अंग्रेजी अनुवाद है. इस पुस्तक के सम्पादक ‘डॉ. सत्यरंजन बनर्जी हैं तथा इस पुस्तक की एक नकल पुस्तक संख्या W-३५९५७ पर उपलब्ध है, जिसका मूल्य ४५० रुपये है और यह पुस्तक सरस्वती पुस्तक भंडार अहमदाबाद से खरीदी गई है. प्रकाशक आधारित शोध पद्धति : जब कोई वाचक किसी प्रकाशक का नाम लेकर आता है कि आपके पास अमुक प्रकाशक के द्वारा प्रकाशित कौनकौन सी पुस्तकें हैं, वह हमें जानना है और उन पुस्तकों में से अपने लिए उपयुक्त पुस्तक चयन करना है. तो इस प्रकार की शोध करने की दो पद्धतियाँ हैं पहली पद्धति से लायब्रेरी प्रोग्राम के प्रकाशक वाले फिल्ड में उस प्रकाशक का नाम टाईप करके शोध करेंगे तो उस नाम के सभी प्रकाशक व उनके स्थान For Private and Personal Use Only

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