Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________ सुहदव्वादिसमुदए पायं जं होइ भावसुद्धि त्ति / ता एयम्मि जएज्जा एसा आणा जिणवराणं // 715 // आलोएयव्वा पुंण अइयारा सुहुमबायारा सम्मं / णाणायारादिगया पंचविहो सो य विण्णेओ // 716 / / काले विणए बहुमाणे उवहाणे तहा अणिण्हवणे / वंजणअत्थतदुभए अट्ठविहो णाणमायारो // 717 // णिस्संकियणिक्कंखियणिव्वितिगिच्छा अमूढदिट्ठी य / उववूहथिरीकरणे वच्छल्लपभावणे अट्ठ / // 718 // पणिहाणजोगजुत्तो पंचहिं समितिहिं तीहिं गुत्तीहिं / एस चरित्तायारो अट्ठविहो होइ णायव्वो // 719 // बारसविहम्मि वि तवे सभिंतरबाहिरे कुसलदिढे / अगिलाइ अणाजीवी णायव्वो सो तवायारो // 720 // अणिगूहियबलविरिओ परक्कमइ जो जहुत्तमाउत्तो / जुंजइ य जहत्थामं णार्यव्वो वीरियायारो // 721 // एयम्मि उ अइयारा अकालपढंणाइया णिरवसेसा / अपुणकरणुज्जएणं संवेगा लुत्ति (लोइ) यव्व त्ति // 722 // अहवा मूलगुणाणं एते एव तह उत्तरगुणाणं / एएसिमह सरूवं पत्तेयं संपवक्खामि . // 723 // पाणातिपातविरमणमादी णिसिभत्तविस्इपज्जंता / संमणाणं मूलगुणा तिविहं तिविहेण णायव्वा / || 724 // पिंडविसुद्धादीया अभिग्गहंता य उत्तरगुण त्ति / एतेसिं अइयारा एगिदियघट्टणादीया // 725 // पुढवादिघट्टणादी पयलादी तुच्छऽदत्तगहणादी / / गुत्तिविहारणकप्पट्ठमत्तदियगहियभुत्तादी // 726 //

Page Navigation
1 ... 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306