Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ ते पुण दुसमयट्ठितियस्स बंधगा ण पुण संपरायस्स / सेलेसीपडिवण्णा अबंधया होति विण्णेया // 786 // अपमत्तसंजयाणं बंठिती होति अट्ठ उ मुहत्ता / उक्कोसेण जहण्णा भिण्णमुहुत्तं तु विण्णेया // 787 // जे उ पमत्ताणाउट्टियाएँ बंधंति तेसि बंधठिती / संवच्छराणि अट्ठ उ उक्कोसियरा मुहुत्तंतो // 788 // ता एवं चिय एवं विहियाणुट्ठाणमेत्थ हवइ त्ति / कम्माणुबंधछेयणमणहं आलोयणादिजुयं // 789 // विहिताणुट्ठाणत्तं तस्स वि एवं ति ता कहं एयं / पच्छित्तं णणु भण्णति समयम्मि तहा विहाणाओ // 790 // विहियाणुट्ठाणं चियं पायच्छित्तं तदण्णहा ण भवे / समए अभिहाणाओ इट्ठत्थपसाहगं णियमा // 791 // सव्वा वि य पव्वज्जा पायच्छित्तं भवंतरकडाणं / पावाणं कम्माणं ता एत्थं णत्थि दोसो त्ति // 792 // चिण्णस्स णवरि लिंगं इमस्स पाएणमकरणया तस्स / दोसस्स तहा अण्णे णियमं परिसुद्धए बिति // 793 / / णिच्छयणएण संजमठांणापातम्मि जुज्जति इमं पि / तह चेव पयट्टाणं भवविरहपराण साहूणं // 794 // // 17 // कल्पपञ्चाशकम् // पमिउण महावीरं ठियादिकप्पं समासओ वोच्छं / पुरिमेयरमज्झिमजिणविभागतो वयणनीतीए // 795 // दसहोहओ उ कप्पो एसो. (स उ) पुरिमेयराण ठियकप्पो / सययासेवणभावा ठियकप्पो णिच्चमज्जाया // 796 // . 271

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