Book Title: Shashti Shatak Prakaran
Author(s): Nemichandra Bhandari, Bhogilal J Sandesara
Publisher: Maharaja Sayajirav Vishvavidyalay

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Page 6
________________ आमुख प्राच्य विद्यामंदिर तरफथी मुख्यत्वे संस्कृत हस्तलिखित पोथीओ मेळवी एमाथी योग्य पोथी- प्रकाशन वर्षोथी चाली रह्यु छे. ' गायकवाड ओरियेन्टल सिरीझ' मां एवां सो उपरांत पुस्तको प्रसिद्ध थयां छे. जूना गुजराती साहित्यनो हस्तलिखित भंडार पण विपुल छे. एमाथी योग्य साहित्यनुं प्रकाशन पण इच्छवा योग्य छे. आ हेतु लक्षमा राखी, वडोदरा विश्वविद्यालयना गुजराती विभाग द्वारा प्राचीन गुर्जर ग्रन्थमालानी योजना तैयार करवामां आवी छे. ए योजना अनुसार आ प्रथम पुस्तक बहार पडे छे, अने एवं एक पुस्तक दर वर्षे बहार पाडवानी आशा रखाय छे. आ प्रकारना संशोधननो उपयोग एकदम पहेली नजरे चढे नहि ए स्वाभाविक छे. परंतु भाषानी दृष्टिए तेम ज सामाजिक इतिहासनी दृष्टिए आ प्रकारनां संशोधनो पुष्कळ प्रकाश पाडे छे अने माटे ज उपयोगी छे. आ पुस्तकना निवेदनमां डॉ. सांडेसरा लखे छे के :" आ ग्रन्थमालामां प्रसिद्ध थती कृतिओ तथा एना शब्दकोशो ऐतिहासिक गुजराती शब्दकोश माटे सामग्री पूरी पाडशे तथा अन्य भगिनीभाषाओना प्राचीनतर युगोना अध्ययनमां पण उपयोगी थशे एवी आशा छे.” पुस्तक पाछळ जे शब्दकोश आप्यो छे ते भाषानी दृष्टिए अतिशय उपयोगी थई पडशे एमां तो जरा पण शंका नथी. आशा छे के आ प्रकाशननो गुजरातना विद्वानो तेम ज अन्य भाषाशास्त्रीओ योग्य सत्कार करे. ता. १४-२-५३. हंसा महेता

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