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श्री सरस्वती स्तोत्रम्
सरस्वत्यै नमोनित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः । वेदवेदान्तवेदांगविद्यास्तथानेभ्य एव च ।।
सरस्वती देवी को नित्य नमस्कार है। भद्रकाली को नमस्कार है। वेद, वेदान्त, वेदों के अंग तथा अन्य शास्त्रों के विद्या-स्थानों को नमस्कार है।
Salutation to Mother Saraswati Saraswatai namonityum bhadrakaalyai namo namaha Vedvedaantavedaangavidyaasthaanebhya eva cha
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श्री सरस्वती स्तोत्रम्
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने । विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तुते ।।
हे कमलनेत्री, महाभागे, विद्यारूपिणी देवी सरस्वती ! आप विद्यारूपा तथा विशाल नेत्रों वाली हैं (नेत्र ज्ञान और सौंदर्य का प्रतीक हैं) -
आप मुझे भी विद्या का दान दें। आपको सदा नमस्कार है |
Salutation to Mother Saraswati
Saraswati mahaabhaage vidye kamaliochane Vidyaarupe vishaalaakshi vidyaam dehi namostute
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