Book Title: Shardanjali
Author(s): Purnima A Desai
Publisher: Shikshayatan Cultural Center, Newyork USA

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Page 72
________________ जय जय माँ सुप्रसिद्ध गायक - जगजीत सिंघ जी जय जय माँ, जय जय माँ वरदे वरदे वरदे वीणा वादिनी वरदे दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ निर्मल मन कर दे, प्रेम अतुल कर दे सब की सबल मति हो, ऐसा हमको वर दो दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ सत्यमयी तू है, ज्ञानमयी तू है प्रेममयी भी तू है, हम बच्चों को वर दे दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ सरस्वती भी तू है, महालक्ष्मी तू है महाकाली भी तू है, हम बच्चों को वर दे दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ तुझको जानूँ, तुझको मायूँ तुझ पर ही निज जीवन वारूँ ध्यान धरें तेरा ही निशदिन दे भक्ति उपहार दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ ह्यदय अभिप्सा से जागृत हो अभय हस्त मेरे सिर पर हो दिव्य प्रेम से ओतप्रोत हो जीवन का कारागार दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ पूर्ण प्रेम दे, अमर स्नेह दे दिव्य शांती आनन्द दे पूजा करूँ सदा मैं तेरी दे सुमिरन का आधार दे माँ, निज चरणों का प्यार, जय जय माँ, जय जय माँ 68 Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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