Book Title: Shaddarshan Sutra Sangraha evam Shaddarshan Vishayak Krutaya Author(s): Sanyamkirtivijay Publisher: Sanmarg Prakashan View full book textPage 4
________________ ३ ? हार्दिक - अनुमोदना - : लाभार्थी : दीक्षामार्ग संरक्षक, दीक्षायुग प्रवर्त्तक, तपागच्छाधिराज पूज्यपाद आचार्य देवेश श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा के दिव्य प्रभावक साम्राज्य से संवर्धित श्री जिनाज्ञा आराधक श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन संघ मुलुंड, मुंबई Jain Education International ....... द्वारा ज्ञाननिधि में से " इस “ षड्दर्शन सूत्रसंग्रह एवं षड्दर्शन विषयक कृतयः ग्रंथ प्रकाशन का संपूर्ण लाभ प्राप्त किया गया है। आप के श्रीसंघ की श्रुतभक्ति की हार्दिक अनुमोदना !!! भविष्य में आपका उत्तरोत्तर श्रुतभक्ति का शुभभाव उल्लसित बने रहे, ऐसी शुभकामना । लि. सन्मार्ग प्रकाशन नोंध : इस ग्रंथ, ज्ञाननिधि की द्रव्यराशी के सद्व्यय से प्रकाशित हुआ होने से गृहस्थवर्ग को इस ग्रंथ का संपूर्ण मूल्य ज्ञाननिधि में जमा कराकर ही उसकी मालिकी करने का परामर्श है । 11 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 534