Book Title: Shaddarshan Sutra Sangraha evam Shaddarshan Vishayak Krutaya
Author(s): Sanyamkirtivijay
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 8
________________ इसमें हमारा कोई अनुमोदन नहीं है । इसका उत्तरदायित्व उसके शिर पे रहेगा । प्रस्तुत ग्रंथ के माध्यम से सत्य पथ की गवेषणा करके सही मार्ग के उपर चलकर सभी जीव मुक्तिसुख का सहभागी बने, ऐसी ही एक शुभकामना । कार्तिक वद-द्वि. ३, वि.सं. २०६८ ता. १४-११-११ Jain Education International मु.संयमकीर्तिविजय श्री रत्नत्रयी आराधना भवन, ४६, वसंतकुंज, पालडी, अहमदाबाद-७. For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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