Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 15 Rajprashniya Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 5
________________ [भाग-१५] श्री राजप्रश्नीय (उपांग) सूत्रम् - २ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित - सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः “राजप्रश्नीय” मूलं एवं वृत्ति: [मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्तिः ] [आद्य संपादकश्री] पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुन: संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.श्रुतमहर्षि) 28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५ 'सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि श्रेणि भाग-१५ -> श्री आगमोद्धारक-वाचना- शताब्दी वर्ष निमित्त 'आगम-वृत्ति - मुद्रण- प्रोजेक्ट' ~5~

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