Book Title: Sarva Mangal Manglyam
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Padmaratnasagarji

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Page 169
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घर महेल करावी तेडिये रे लोल, ब्राह्मण होमादिक वास जो, वेद गायत्री मंत्र भणावीए रे लोल, ब्राह्मण जमाडीए खास जो. नाम०३ देवदेवी ब्रह्मादिक पूजीये रे लोल, पाडा बुद्धिए कोळु कपाय जो, मरी नरकतणां दुःख भोगवे रे लोल, मिथ्या वास्तुक पूजामां पाप जो. नाम०४ फल श्रीफल प्रमुखने होमतां रे लोल, पंचेद्रिय हिंसा थाय जो, अपमंगल एह खरूं कर्खा रे लोल, अशुभ वास्तुक पूजा कहाय जो. नाम० ५ शुभ वास्तुक पूजा वर्णदुं रे लोल, जेनुं रूडु विशाळ स्वरूप जो. बुद्धि शाश्वत संपदा पामीए रे लोल, पास नाम ते मंगलरूप जो. नाम०६ मंत्र - ॐ नमो भ० श्री जल० चंदनं० यजामहे स्वाहा।। १६१ For Private And Personal Use Only

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