Book Title: Sangrahaniratnam Bruhat Sangrahani Sutra
Author(s): Yashovijay
Publisher: Muktikamal Jain Mohan Mala

View full book text
Previous | Next

Page 1037
________________ पृष्ठांका ५२२ ३६२ आ ५४४ १४१ २६३ ३५६ ५२६ ४०४ २६३ [ ५२ ] [ संग्रहणीनी गाथाओनी अकारादिक्रम सूचि ) गाथांक पृष्ठांक गावांक ३११ अंतमुहुत्तठिईओ २१ अग्गिसिह अग्गिमाणव - ७१ | १६० अंतमुहुत्तेणं चिय ३२४ अचित्तजोणि सुरनिरय ५४० ★१०२ अच्चंत सुरहिगंधा २६४ | ३२६ आउस्स बंध कालो ३३७ अज्झवसाण निमित्ते ५६६ |७२ आभरण वत्थ गंधे २७८ अडसग छ पंच चउ तिन्नि ४७७ | *१३२ आभंकरे य गिद्धि ४० अणपन्नी पणपनी ___६२ | १८६ आभोगाणाभोगा १६१ अणिमिसनयणा मणकज्ज ३६२ | ३१४ आयंगुलेण वत्थु ३०२ अत्थि अणंता जीवा ५१५ *२२७ आरे तारे मारे ५३ अद्धकविट्ठागारा १११ *६६ आवलिय विमाणाणं ३२२ अद्धतेरस बारस ५३८ | ३३८ आहारसरीरिदिय, पजत्ती २३४ अपइट्ठाणे पंच उ ४०८ | ३३६ आहारसरीरिदिय, उसास १७२ अपरिग्गह देवीणं ३४१ | *३४१ आहारे भयमेहुण ३३३ अपवत्तणिज्जमेयं ५६० १७६ आहि वाहि विमुक्कस्स २५३ असन्नि सरिसिव–पक्खी ४३५ १२० असिइ छसट्ठि भागा २८६ / २०१ इअ देवाणं भणियं २१२ असीइ बतीसडवीस ३६७ २४६ इअ साहाविय देहो १६ असुरा नाग सुवन्ना ६६/७७ इक्खुरस सेसजलहि २८ असुरा काला नागु ७८ | ३२३ इगकोडि सत्त नवइ २६ असुराण वत्थरत्ता ___७६ | ११ इगतीस सागराइं १३७ अहभागा सग पुढवीसु २६६ | १०६ इगदिसि पंति विमाणा २६३ अंगुल असंखभागो ५०७ | ३३१ इग दुति चउवक्कासुं ३१७ अंगुल छक्कं पाओ | ११६ इगवीस सया पुढवी *३०६ अंतमुहुत्तम्मि गए ५२१ | २३३ इट्ठ पयरेग दिसि संख *स्पर यि क्षे५.5uथामा सूय समj. ५७४ ५८८ ६१३ ३४७ ३८१ ४२८ १४६ ५३८ ५२ २७३ ५५८ २८२ ४०८ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1035 1036 1037 1038 1039 1040 1041 1042