Book Title: Samyag Darshan
Author(s): Kanjiswami
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 278
________________ नियमसार A. 5 पृष्ठ ४१५ ho में क क cher 4 5 g 15 b की जि ल्द 45 मू०५|1) 卐 सेठी ग्रन्थमाला द्वारा प्रकाशित श्रीमद् कुन्दकुन्दाचार्य देव विरचित यह महान आध्यात्मिक शास्त्र है । परमानन्द के निधान मय आत्मिक सुख का असाधारण और मनोहर वर्णन द्वारा ब्रह्मोपदेश देने वाला भागवत् शास्त्र है। उस पर श्री पद्मप्रभमलधारिदेव कृत टीका है, इसमें मोक्षमार्ग की सर्व सत् क्रियाओं का सुन्दर वर्णन है। यह शास्त्र भी पूर्ण रूप से संशोधित है। जैन तत्व ज्ञान की महानता व सुमधुर शांत रसमय पूर्व सुख शांति का दर्शक है, और अनुपम कलश काव्य की मनोज्ञ रचना से अध्यात्म रस में खास रोचकता प्रगट करने वाला है । तत्त्वज्ञान में सार रूप 5 पुर्व निधि है । हिन्दी अनुवाद, बड़े साइज में, कपड़े की सुन्दर मजबूत जिल्द | थोक लेने पर २५% कमीशन ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289