Book Title: Samvayang Sutram
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ श्रीसमवायाङ्गं श्रीअभय० पृष्ठः श्रीमत्समवायाङ्ग वृत्तियुतम् सूत्रस्य विषयानुक्रमः 120 120-121 क्रमः विषयः सूत्रम् काल-कार्तिककृष्णपौरुषीच्छायाः। 37 पार्याि-हैमवतादिधनुःपृष्ठ-मेरुद्वितीयकाण्डोच्चत्व-क्षुद्रविमानप्रविभक्तिद्वितीयवर्णोद्देशनकालाः। 38 नम्यवधिज्ञानि-समयक्षेत्रकुलपर्वतद्वितीयादिपृथ्वीनरकावासज्ञानावरणादिप्रकृतयः। 39 नेम्यार्या-मन्दरचूला-शान्त्युच्चत्वभूतानन्दभवन-क्षुद्रविमानप्रविभक्तितृतीयवर्णोद्देशनकाल-कार्तिकफाल्गुन पौरुषीच्छाया-महाशुक्रविमानानि। 40 41. नम्यार्या-रत्नप्रभादिनरकावास-महाविमान प्रविभक्तिप्रथमवर्गोद्देशनकालाः। 41 वीरश्रामण्य-गोस्तूपान्तर-कालोदधिचन्द्रसूर्यसंमूर्छिमभुजपरिसर्पस्थिति-नामप्रकृत्यभ्यन्तरवेलाधारक-महाविमानप्रविभक्तिद्वितीय वर्गोद्देशनकाल-दुष्षमादिमानम्। 42 43. कर्मविपाकाध्ययन-प्रथमादिनरका वास-गोस्तूपादिपूर्वान्ताबाधा-महावि पृष्ठः | क्रम: विषयः सूत्रम् 114 मानप्रविभक्तितृतीयवर्णोद्देशनकालाः। 43 44. ऋषिभाषिताध्ययन-विमलयुगान्त कृभूमिधरणेन्द्रभवन-महाविमान११४-११५ प्रविभक्तिचतुर्थवर्गोद्देशनकालाः। 44 45. समयक्षेत्राद्यायाम-धर्मोच्चत्व-मेर्वबाधा व्यर्धक्षेत्रनक्षत्रमुहूर्त-महाविमान११५-११६ प्रविभक्तिपञ्चमवर्गोद्देशनकाला: 46. दृष्टिवादमातृकापद-ब्राह्मीमातृकाक्षर प्रभञ्जनभवनानि। 47. अभ्यन्तरमण्डलचक्षुःस्पर्शाऽग्निभूत्य११६ गारवासी। 48. चक्रिपत्तन-धर्मगण-गणधर-सूर्य११६-११७ विष्कम्भाः। 49. सप्तसप्तमिकाभिक्षा-कुरुनरबाल्यकाल-त्रीन्द्रियस्थितयः। 49 50. सुव्रतार्याः, अनन्त-पुरुषोत्तमोच्चत्व११७-११९ दीर्घवैतादयविष्कम्भ-लान्तकविमान-तिमिस्रा द्यायाम-काञ्चनशिखरविष्कम्भाः / 50 51. ब्रह्मचर्योद्देशनकाल-चमर-बलि 121-122 122 22-123 123 // 5 // 123-124

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