Book Title: Sambodhi 1975 Vol 04
Author(s): Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 8
________________ _Nagin J. Shah क्षणतत्क्रमयोः संयमाद् विवेकज ज्ञानम् । ३ ५३ । .:. विवेकज्ञान [i.e. अनन्तज्ञान]+क्षणतत्क्रमसंयम produce सर्वज्ञेयज्ञान :: विवेकज्ञान [i.e: अनन्तज्ञान]=सर्वज्ञेयज्ञानकारण [i.e. सर्वज्ञबीज] [३] पूर्वेषामपि गुरुः कालेनानवच्छेदात् । १.२६ । गुरुः मोक्षमार्गोपदेष्टा पूर्वेषामपि गुरुः वयोवृद्धानामपि गुरुः ततः कृतार्थानां परिणामक्रमसमाप्तिर्गुणानाम् । ४.३२ । कालेनानवच्छेदात परिणामक्रमसमाप्तेः संसारचक्रसमाप्तेः

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