Book Title: Samaysundar Ras Panchak
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 4
________________ जिन्होंने सत्साहित्य की निरन्तर सेवा और ज्ञानोपासना के लिए सदा प्रेरित और प्रोत्साहित किया, जिनके अनन्त उपकारों से कभी उऋण नहीं हो सकता, उन्हीं सरलहृदय, सौजन्यमूर्त्ति, धर्मप्राण, सौम्य और कर्मठ समाजसेवक, जोवन-निर्माता, परमपूज्य पितृदेव श्री भैरू दानजी नाहटा की स्वर्गीय Jain Educationa International आत्मा को सादर समर्पित विनीत भँवरलाल नाहटा For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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