Book Title: Samaysara
Author(s): Kundkundacharya, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 657
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates श्री समयसारकी वर्णानुक्रम गाथासूची ६२३ | | गाथा | पृष्ठ | | गाथा | पृष्ठ । | जो सुयणाणं सव्वं जो सो दु णेहभावो | जो सो दु णेहभावो | जो हवदि असम्मढो | जो हि सुएणहिगच्छइ । २१८ ७२ ३७३ ३८६ । ८३ |३२६ ।। | १२४ ५०६ । ५१३ | १४२ १२० | १८४ | ४४५ ३१८ ३१७ ण कुदोचि वि उप्पण्णो णज्झवसाणं णाणं णत्थि दु आसवबंधो णत्थि मम को वि मोहो णत्थि मम धम्मआदी | ण दु होदि मोक्खमग्गो ण मुयदि पयडिमभव्यो णयरम्भि वण्णिदे जह ण य रागदोसमोहं ण रसो दु हवदि णाणं ण वि एस मोक्खमग्गो ण वि कुव्वदि कम्मगुणे ण वि कुव्वइ ण वि वेयइ ण वि परिणमदि ण गिण्हदि ण वि परिणमदि ण गिण्हदि ण वि परिणमदि ण गिण्हदि ण वि परिणमदि ण गिण्हदि ण वि सक्कदि धेत्तु ज ण वि होदि अप्पमत्तो | ण सयं बद्धो कम्मे णाणं सम्मादिटुं | णाणगुणेण विहीणा णाणमधम्मो ण हवइ णाणमया भावाओ णाणस्स दंसणस्स य णाणस्स पडिणिबद्धं णाणावरणादीयस्स | १० | २० |णाणी रागप्पजहो २४० | ३५३ । णादूण आसवाणं २४५ । ३५८ |णिंदियसंथ्यवयणाणि |२३२ ३४४ णिच्चं पच्चक्खाणं । ९ । २० णिच्छयणयस्स एवं णियमा कम्मपरिणदं णिव्वेयसमावण्णो ३१० ४३७ णेव य जीवट्ठाणा ४०२ ५४७ । णो ठिदिबंधट्ठाणा | १६६ | २५० । त | ३६ । ७२ | तं एयत्तविहत्तं | ३७ | ७५ | तं खलु जीवणिबद्धं | ४०९ ५५७ । तं णिच्छये ण जुज्जदि | तं जाण जोगउदय ३० । ६२ । तत्थ भवे जीवाणं ३९६ | तम्हा दु जो विसुद्धो | ३९५ ।५४६ | तम्हा जहित्तु लिंगे ४१० ५५८ । | तम्हा ण को वि जीवो | ८१ | १४० | तम्हा ण को वि जीवो ३१९ । तम्हा ण मे त्ति णचा । ७६ १३४ तम्हा दु कुसीलेहिं य । ७७ | १३५ तह जीवे कम्माणं ७८ १३७ | तह णाणिस्स दु पुव्वं ७९ । १४८ तह णाणिस्स वि विविहे | ४०६ ५५५ | तह णाणी वि ह जइया | ६ | १५ | तह वि य सच्चे दत्ते | १२१ | १८७ |तिविहो एसुवओगो ४०४ | ५४८ | तिविहो एसुवओगो | २०५ | ३०९ । तेसिं पुणोवि य इमो | ५४७ । तेसिं हेदू भणिदा १२८ | १९३ | ३६९ | ४९७ थेयादी अवराहे १६२ | २४१ १६५ | २४९ | दंसणणाणचरित्तं | १३६ ।। | १९७ । २९ । ६१ १३४ | १९७ |६१ १०६ ४०७ ५५५ ४११ |३३७ ४६० | ३३९ ।। | ४६० ३२७ । ४५२ १४७ । २२७ । ५९ | १०४ १८० । | २६७ |२२१ | ३२८ | २२३ । ३२८ |३७५ ९४ | १५९ २६४ | ११० १९० । १७९ | २८४ ३०१ । ४२४ १७२ | २५७ Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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