Book Title: Samaysara
Author(s): Kundkundacharya, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 655
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates श्री समयसारकी वर्णानुक्रम गाथासूची | गाथा | पृष्ठ | गाथा | पृष्ठ । | ३८४ ३९७ ३११ १४२ १४५ १९२ ७५ ४१ कम्मं जं सुहमसुहं कम्मं णाणं ण हवदि कम्मं पडुच्च कत्ता कम्मं बद्धमबद्धं कम्ममसुहं कुसीलं कम्मस्सा भावेण य कम्मस्स य परिणाम कम्मस्सुदयं जीवं कम्मे णोकम्मम्हि य कम्मेहि दु अण्णाणी कम्मेहि भमाडिज्जदि कम्मेहि सुहाविज्जदि कम्मोदएण जीवा कम्मोदएण जीवा कम्मोदएण जीवा | कह सो घिप्पदि अप्पा कालो णाणं ण हवदि केहिंचि दु पज्जएहिं केहिंचि दु पज्जएहिं को णाम भणिज्ज बुहो को णाम भणिज्ज बुहो कोहाइसु वटुंतस्स कोहुवजुत्तो कोहो ३३२ ३३४ | ३३३ | २५४ | २५५ २५६ |२९६ ४०० ३४५ | ३४६ २०७ | ३०० ७० | ५१३ । छिंददि भिंददि य तहा |२४३ । ३५७ ५४७ | छिज्जदु वा भिज्जदु वा । २०९ ।३१४ । ४३७ | २०३ | २२३ | जं कुणदि भावमादा | ९१ | १५४ | २८४ | जं कुणदि भावमादा । १२६ । १९० | १३१ |जं भावं सुहमसुहं | १०२ | १७२ । ८२ | जं सुहमसुहमुदिण्णं ।३८५ ।५१३ | ४९ | जइ जीवेण सह च्चिय | १३७ २०० | ४५९ | जइ ण वि कुणदि च्छेदं | २८९ ४०७ ४५९ | जइया इमेण जीवेण ७१ | १२३ | ४५९ | जइया स एव संखो |२२२ । ३२८ ३६७ | जदि जीवो ण सरीरं | ५८ । ३६७ | जदि पुग्गलकम्ममिण । ८५ | १४५ ३६८ | जदि सो परदव्वाणि य । ९९ १६९ ४१६ । जदि सो पुग्गलदव्वी २५ । ५५ | ५४६ | जम्हा कम्मं कुव्वदि | ३३५ ४६० |४७१ | जम्हा घादेदि परं ३३८ | ४६० ४७१ | जम्हा जाणदि णिच्चं | ४०३ ।५४७ | ३१२ | जम्हा दु अत्तभावं ८६ | १४६ | ४२२ | जम्हा दु जहण्णादो | १७१ ।२५६ | १२१ | जदा विमुंचए चेया ३१५ १८७ | जह कणयमग्गितवियं १८४ २७७ | जह को वि णरो जंपद |३२५ ४५२ | १०४ |जह चेहूँ कुव्वंतो ३५५ | ४७७ | जह जीवस्स १८२ अणण्णुवओगो | १८० जह ण वि सक्कमणज्जो । ८ । १९ जह णाम को वि पुरिसो । १७ । ४६ | २५६ |जह णाम को वि पूरिसो | ३५ । ७० | २४२ | जह णाम को वि पुरिसो | १४८ । २२७ |४३९ |जह णाम को वि पुरिसो |२३७ ।। | ३५३ जह णाम को वि पुरिसो २८८ ४०७ जह परदव्वं सेडदि ३६१ । ४८३ ३५३ | जह परदव्वं सेडदि | ३६२ | ४८३ ।। १२५ गंधरसफासरूवा गंधो णाणं ण हवदि | ६० ३९४ ११३ गुणसण्णिदा दु एदे ११२ चउविह अणेयभेयं चारितपडिणिबद्धं चेदा दु पयडीअटुं १७० | १६३ | ३१२ | छिंददि भिंददि य तहा | २३८ Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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