Book Title: Samatvayoga Ek Samanvay Drushti
Author(s): Pritam Singhvi
Publisher: Navdarshan Society of Self Development Ahmedabad

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Page 334
________________ ३१२ १६. १७. १८. १९. २०. २१. २२. २३. २४. २६. २७. २८. २९. आवश्यक निर्युक्त हरिभद्र कृति सहित - प्रका. - भेरुलाल कन्हैयालाल ३०. आध्यात्मिक विकास-क्रम पं. सुखलालजी आयारो आचारांग सूत्र २५. गणधरवाद श्रीमत् सुधर्मा स्वामि -गोपालदास - रतनलाल डोशी कर्म ग्रन्थ (कर्म विपाक) - देवेन्द्र सुरि आचारांग -मुनि नथमलजी. उत्तराध्ययनसूत्र कर्म ग्रंथ गीता गोरव - पं. सुखलालजी - प्रफुल पटेल - प. दलसुख मालवणिया जैन दर्शन मनन और मीमांसा -मुनि नथमलजी जैनदर्शन - स्वरूप और विश्लेषण Jain Education International - देवेन्द्रमुनि शास्त्री जैन तर्क - शास्त्र और आधुनिक बहुमूल्यीय तर्कशास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन - श्रीमति आशा जैन . जैन धर्म और दर्शन समत्वयोग - एक समनवय दृष्टि - मुनि नथमलजी जैन, बौद्ध और गीता के आचार दर्शनो का तुलनात्मक अध्ययन For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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