Book Title: Samadhi Tantram
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp Printers
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INDEX OF VERSES
कारिका अनुक्रमणिका
कारिका
--- Verse No.
Page
46
69
58
86
102
157
91
131
38
60
83
120
अचेतनमिदं दृश्यमदृश्यं अज्ञापितं न जानन्ति अदुःखभावितं ज्ञानं अनन्तरज्ञः सन्धत्ते अपमानादयस्तस्य अपुण्यमव्रतैः पुण्यं अयत्नसाध्यं निर्वाणं अविक्षिप्तं मनस्तत्त्वं अविद्याभ्याससंस्कारैरवशं अविद्यासंज्ञितस्तस्मात्संस्कारा अव्रतानि परित्यज्य अव्रती व्रतमादाय
100
149
36
122
124
74
आत्मज्ञानात्परं कार्य आत्मदेहान्तरज्ञानजनिताह्लादनिर्वृतः आत्मन्येवात्मधीरन्यां
56
112
आत्मविभ्रमजं
64
आत्मानमन्तरे दृष्ट्वा
115
इतीदं भावयेन्नित्यमवाचांगोचरं
99
145
21
40
उत्पन्नपुरुषभ्रान्तेः उपास्यात्मानमेवात्मा
98
142
173

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