Book Title: Sagar Ke Javaharat Author(s): Abhaysagar Publisher: Jain Shwetambar Murtipujak Sangh View full book textPage 5
________________ हिन्दी रूपान्तरण का कार्य श्रीमान् केशव कान्त जी जोशी सा. को सौंपा गया। उनके कठिन परिश्रम से पाण्डुलिपि तैयार की गई जिसको श्रीमान् यशवन्त कुमारजी जैन लक्की बिरोक्स फोटो कापीयर उदयपुर ने टाईप किया तत्पश्चात् श्री संघ के आदेश से उसका मुद्रण प्रारम्भ करवाया गया। पूज्य गणीवर्य श्री अशोक सागर जी म. सा. की प्रेरणा से इस ऐतिहासिक पुस्तक का हिन्दी संस्करण प्रकाशित करने का शुभ अवसर हमें प्राप्त हुआ इसके लिए हम गणीवर्य श्री के बड़े आनारी हैं। इस पुस्तक में जिन जिन महानुभावों ने व्याख्यान में द्रव्य सहायता करने में ज्ञान के चढ़ावें मावोल्लास में बोलकर एवं पुस्तके लिखवाकर लिया है उन सबके हम बड़े बामारी हैं। अल्पसमय में पुस्तक मुद्रण के लिए प्रकाशक स्वराष्ट्र प्रिन्टर्स के मी आभारी हैं । आशा है पाठकगण इम हिन्दी संस्करण का पूरा पूरा लाम लेंगे। निवेदक के ०एल० जैन मंत्री श्री जैन श्वेताम्बर मूतियूजक श्री संघ उदयपुरPage Navigation
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