Book Title: Sagar Dharmamrutam Author(s): Ashadhar, Manoharlal Shastri Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti View full book textPage 7
________________ - F = = = = = = = "श्रीयुक्त लाला बिहारीलालजी।। आप अग्रवालजातीय दिगम्बर जैन हैं। बुलन्दशहरके रहने२ वाले हैं और अमरौहाके गवर्नमेंट हाईस्कूलमें मास्टर हैं। बड़े 7 ही योग्य हैं । जैनधर्मके आप अच्छे जानकार हैं। उर्दूके नामी लेखक हैं । सन् १८९७ से १९०५ तक आप 'दिलआराम' नामक उर्दूका पत्र निकालते रहे हैं । उर्दूमें आपने २०-२५ ग्रन्थ लिखे हैं। जैनधर्मका प्रचार करनेकी ओर आपकी बहुत रुचि है। जैनसमाजको आपके द्वारा बहुत लाभ पहुंच रहा है। आपने एक 'जैनधर्मसंरक्षिणीसभा' स्थापित कर रक्खी है जो बहुत अच्छा काम कर रही है। in आपके पुत्र चिरंजीवि शान्तिचन्द्रजी भी बड़े धर्मप्रेमी और होनहार युवक हैं। आपने धर्मप्रचार करने के लिए इस ग्रंथकी लगभग २५० प्रतियाँ लेनेकी कृपा करके इस संस्थाको बहुत ही उपकृत किया है। ९ = = == = = = = Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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