Book Title: Rushibhashit Sutra
Author(s): Vinaysagar, Sagarmal Jain, Kalanath Shastri, Dineshchandra Sharma
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 504
________________ परिशिष्ट-2 ऋषिभाषित का पद्यानुक्रम (निम्नांकित परिशिष्ट में पद्यांश के बाद अध्ययन एवं गाथांक दिये हैं तथा अन्त में पृष्ठांक।) 4 अंकुरा खंध बंधीयो 9, 11 273 अप्पक्कतावराहोऽयं 28, 12 356 अंजणस्स खयं दिग्स 28, 22 358 अप्पं च आउं इह माणवाणं 45, 1 423 अकामए कालगए 14 292 अप्पा ठिती सरीराणं 9, 14 274 अकूडत्तं च कूडेसु 26, 9 348 अप्पारोही जहा बीयं 24, 24 335 अक्खोवंगो, वणे लेवो 45, 48 434 अप्पेण बहुमेसेज्जा 42 420 अक्खोवंजणमादाय 4, 23 257 अभिणिस्सए इमं लोग 14 292 अगन्धणे कुले जातो 45, 40 432 अमणुण्णं भोयणं भोच्चा 38, 3 402 अग्गिणा तु इहं दड्ढा 36, 5 396 असंमूढो उ जो णेता 11, 1 285 अणग्घेयं मणिं मोत्तु 41, 8 असब्भावं पवत्तेन्ति 28, 15 357 अणुबद्धमपस्सन्ता 15, 16 299 अहिंसा सव्वसत्ताणं 45, 20 427 अणुबद्धमपस्सन्ता 45, 9 425 आऊ धणं बलं रूवं 24, 10 331 अण्णहा स मणे होति 4,5 253 आजीवत्थं तवो मोत्तुं 41, 9 417 अण्णाणं परमं दुक्खं 21, 1 318 आणं जिणिन्दभणितं 45, 23 428 अण्णाणविप्पमूढप्पा 35, 1 389 आणाकोवो जिणिन्दस्स 45, 37 431 अण्णाणविप्पमूढप्पा 35, 3 आतं परं च जाणेज्जा 35, 12 391 अण्णाणविप्पमूढप्पा 35, 5 389 आतटे जागरो होहि 35, 14 391 अण्णाणविप्पमूढप्पा 35,7 390 आतट्ठो णिज्जरायन्तो 35, 16 392 अण्णाणेण अहं पुव्वं 21, 4 318 आता-कडाण कम्माणं 15, 17 299 अण्णातयम्मि अट्टालकम्मि 35, 17 392 आताकडाण कम्माणं 45, 10 425 अण्णायकम्मि अट्टालकम्मि 35, 21 393 आता छेत्तं, तवो बीयं 32, 2 376 अत्थादाइं जणं जाणे 38, 26 409 आता छेत्तं, तवो बीयं 26, 8 348 'अत्थि मे' तेण देति 13, 6 290 आताणाए उ सव्वेसिं 13, 1 289 अदुवा परिसामज्झे 4, 8 254 आमिसत्थी झसो चेव 41,7 416 अधुवं संसिया रज्ज 24, 32 336 आयाणरक्खी पुरिसे 4 252 अपडिन्नभावाओ 34, 2 आरियं णाणं साहू 19, 5 312 अप्पक्कतावराहेहिं 28, 13 356 आरूढो रायरहं 26, 3 346 389 386 ऋषिभाषित का पद्यानुक्रम 503

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