Book Title: Rushibhashit Sutra
Author(s): Vinaysagar, Sagarmal Jain, Kalanath Shastri, Dineshchandra Sharma
Publisher: Prakrit Bharti Academy
View full book text ________________
262
254
319
406
378
379
253
साभावियगुणोवेतं 45, 32 430 सुत्तमेत्तगतिं चेव 6, 5 सामण्णे गीतणीमाणा 38, 11 404 सुप्पइण्णं संपेहाए 4, 10 सारदं व जलं सुद्धं 45, 31 4 30 सुप्पियं तणयं भद्दा 21, 8 सावज्जजोगं णिहिलं विदित्ता 17, 7 307 सुभावभावितप्पाणो 38, 15 सासणं जं णरिन्दाओ 45, 36 431 सुभासियाए भासाए 33, 2 साहहिं संगम कुज्जा 33,
7 379 सुभासियाए भासाये 33, 4 सिग्घवामिसमाउत्ता 24, 3 330 सुयाणि भित्तिए चित्तं 4, 4 सिट्ठकम्मो तु जो वेज्जो 11, 2 285 सुहुमे व बायरे वा 3, 1 सिया पावं सई कुज्जा 39,
4 411 सूदणं सूदइत्ताणं 30, 5 सिया पावं सइं कुज्जा 39, 3 411 सोवायाणा निरादाणा 9, 9 सीसच्छेदे धुवो मच्चू 22, 13 325 हटुं करेतीह णिरुज्झमाणो 36, 16 सीसं जहा सरीरस्स 22, 14 325 हिंसादाणं पवत्तेन्ति 28, 16 सीलक्खरहमारूढो 4, 24 257 हेमं वा आयसं वा वि 45, 50 सुकडं दुक्कडं वा वि 4, 12 255 हेमा गुहा ससीहा वा 22, 3
248 366 272 399 357 434 322
510 इसिभासियाई सुत्ताई
Loading... Page Navigation 1 ... 509 510 511 512