Book Title: Purusharthsiddhyupay
Author(s): Amrutchandracharya, Munnalal Randheliya Varni
Publisher: Swadhin Granthamala Sagar

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Page 474
________________ ५६३ १८१ १५१ समाग्री एकाह किया युद्धादि मैं जानस्वरूप हूँ बड़ा भूल ईश्राज्ञा १८५ सामग्री एकहि किया (युद्धादि मैं स्वयं ज्ञानशन बात्मा हूँ बड़ी भूल ईश्वराशा गुरूमें भी हों कहनेवाले धर्म विरोध हैयज्ञार्थ क्षार करनेवाले अधर्म विरोध यथार्थ शार उस (टिप्पम ) मैं ही हूँ অণু चरित्र इत्यादि जावों चामर्थ १२७ १९९ मैं हो आत्मा हूँ अपूर्व चारिय निकाल दो डबल है जौको च मा अलः मधु है अभक्ष्य जु २०४ एवं नहि अभक्ष्य २०९ क्यों २१२ जाये जानभतका) धमधारी पूर्ण त्यागने वाले निकाल दो यह अधिक है। जनभूतका पर्म त्यागनेवाले यह उनके उसके स्थिथि अाराधी . .. .. RISTS २२५

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