Book Title: Pruthvi ke Akar evam Bhraman ke Vishay me Samikshtmak Prashnavali
Author(s): Abhaysagar
Publisher: Jambudwip Nirman Yojna
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"उत्तर ध्र व की पोर १०० पौण्ड वजन भी बहुत कठिनाई के साथ उठाया जा सकता है" ऐसा विदित होता है । जब कि दक्षि ग ध्र व के अन्वेषकों के शब्दों से तो 'दक्षिणी ध्र व की ओर ३०० से ४०० पौण्ड वजन सरलता से उठाया जा सकता है" ऐसा ज्ञात होता है ।
यह अन्तर किस आधार पर होता है ? १३-यदि पृथ्वी गोल हो, तो
भूमध्य सागर लाल सागर से केवल ६ इंच ही ऊँचा
होना चाहिये । १४-यदि पृथ्वी गोल घूमती हो, तो
२५८०० मील के व्यास वाली पृथ्वी २४ घण्टे में अपना दैनिक परिभ्रमण पूरा करने के लिये १ घण्टे में १०८० मील की तेजी से दौड़ती रहती है तो एक घण्टे के १००० मील की तेज गति वाली पृथ्वी पर समस्त चराचर प्राणी पीर पदार्थों से भरपूर मौर बड़े बड़े पवंत, समुद्र एवं नदियों वाला सारा संसार किस तरह व्यवस्थित रह
सकता है ? १५-यदि पृथ्वी घूमती हो, तो
न्यूयार्क से चिकागो १००० मोल दूरी पर है. तो न्यूयार्क से बलून अथवा वायुयान में बैठकर ऊपर निराधार
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