Book Title: Pruthvi ke Akar evam Bhraman ke Vishay me Samikshtmak Prashnavali
Author(s): Abhaysagar
Publisher: Jambudwip Nirman Yojna
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( १४ )
१६ - यदि पृथ्वी गोल हो, तो—
"दूर से आते हुए स्टीमर के ऊपर का भाग दिखाई देता है, जैसे- जैसे स्टीमर पास आता है वैसे ही स्टीमर का भाग अधिकाधिक दिखने लगता है" यह बात वैज्ञानिकों ने प्रसारित की है । किन्तु वास्तविकता यह है कि किसी ने आज तक ऐसा प्रयोग भी किया है ? क्योंकिजिस स्थान से बिना किसी यन्त्र की सहायता के स्टीमर के ऊपर का ही भाग दिखाई देने की बात कही जाती है, उसी स्थान से दुर्बीन ( टेलिस्कोप) द्वारा पूरा स्टीमर दिखता है, तो क्या दुर्बीन का काँच पृथ्वी को गोलाई का हटा सकता है ?
,
उस स्थान से केमरे द्वारा फोटो भी लिये गये हैं किन्तु जिस स्थान से बिना किसी यन्त्र की सहायता के स्टीमर के ऊपर का ही भाग दिखाई देने की बात कही जाती है । उस स्थान से लिये गये फोटो में सारा स्टोमर चित्रित हुआ है तो क्या केमरे का लेन्स पृथ्वी की गोलाई को दूर हटा सकता है ?
इसमें वास्तविकता क्या है ?
२०- यदि पृथ्वी गोल हो, तो
भूमध्य रेखा से नीचे वाले भाग में जाने वाले अथवा रहने वाले को ध्रुव तारा किस तरह दिखाई देता है ? दक्षिण
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