Book Title: Pruthvi ke Akar evam Bhraman ke Vishay me Samikshtmak Prashnavali
Author(s): Abhaysagar
Publisher: Jambudwip Nirman Yojna

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Page 21
________________ २३-यदि पृथ्वी गोल हो, तो केप्टन मिले ने अपनो साहसिक यात्रा में लिखा है कि-- "पार्कटिक प्रदेश में ४० मील से अधिक साधारण मनुष्य की दृष्टि नहीं पहुँचती, किन्तु उत्तर ध्रुव की यात्रा करने वाले साहसिक तो" १५० से २०० मील तक सरलता से देख सकते हैं, ऐसा बतलाते हैं । ऐसा क्यों होता है ? २४-यदि पृथ्वी गोल हो, तो हारपर्स वीकली ( अमेरिकन साप्ताहिक पत्र) दि० २०१०-१९३४ में बताया गया है कि--" उत्तर में कोलोरेडो इलेक्शन पेमाउट डनकम्प्रंगी से (१८३ मील दूर ) माउन्ट एलन तक हेलियोग्राफ (पालिशवाले कांच ) की सहायता से समाचार भेजे।" यह किस प्रकार हुप्रा ? क्योंकि १८३ मील में पथ्वी की गोलाई २२३०६ फुट की ऊँची प्राड़ी आए तो हेलियोग्राफ से समाचार कैसे भेजे गये ? २५-यदि पृथ्वी गोल हो, तो इंग्लिश चेनाल में स्थित स्टीमर की छत-ऊपर के भाग से फ्रांस और ब्रिटेन के दोनों किनारों पर स्थित दीपस्तम्भ स्पष्ट दिखाई देते हैं । यह कसे ? पृथ्वी की गोलाई पाड़ में क्यों नहीं आती ? Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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