Book Title: Pruthvi ke Akar evam Bhraman ke Vishay me Samikshtmak Prashnavali
Author(s): Abhaysagar
Publisher: Jambudwip Nirman Yojna

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Page 26
________________ alcohilo वर्तमान विज्ञान की बातों के एवं शास्त्रीय बातों के तर -की दिशा में प्रेरक र 1. भूगोल-विज्ञान-समीक्षा- (प्राचीन IMIRE विचा 2. सोचो और समझो-(पृथ्वी के गोल आकार एवं भ्रमण के बारे में ___विज्ञान द्वारा प्रस्तुत कतिपय तर्कों का बुद्धिगम्य निराकरण) 3. क्या पृथ्वी का प्राकार गोल है? - (विज्ञान की कसौटी पर आवश्यक विश्लेषण) 4. पृथ्वी को गतिः एक समस्या 5. प्रश्नावली हिन्दी-(पृथ्वी के आकार एवं भ्रमण के विषय में) 6. प्रश्नावली-गुजराती ( 7. प्रश्नावली-अंग्रेजी ( 8. शुए खरू हो? (गुजराती) (भौगोलिक तथ्यों (!) के बारे में परिसंवाद) 8. कौन क्या कहता है ? भाग-१-२ (पृथ्वी की गति और आकार आदि के बारे में लब्ध प्रतिष्ठ भारतीय एवं पाश्चात्य विद्वानों का संकलन) इस विषय के अधिक विमर्श के लिये नीचे लिखे पते पर पत्र व्यवहार करें पूज्य मुनिराज श्री अभयसागर जी महाराज पुस्तक प्राप्तिस्थान c/o पं० रतिलालजी दोशी सेठ पूनमचन्द्र पानाचन्द्र शाह दिलीप नोवेल्टी स्टोर्स कार्यवाहक जम्बूद्वीप निर्माण योजना पो० ऑ० महेसाणा दलाल वाड़ा, पो० कपडवंज जि० अहमदाबाद जि० खेड़ा (गुजरात) आवरण मुद्रक-त्रिलोकी नाथ मीतल, अग्रवाल प्रेस, मथुरा (गुजरात) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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