Book Title: Pravachanasara
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

View full book text
Previous | Next

Page 525
________________ ३६० कुंदकुंद-विरइओ [ II. 51 : २-५१51) एगम्हि संति समये संभवठिदिणाससण्णिदा अट्ठा । समयस्स सव्वकालं एस हि कालाणुसब्भावो ॥५१॥ 52) जस्स ण संति पदेसा पदेसमेत्तं तु तच्चदो णाएं । सुण्णं जाण तमत्यं अत्यंतरभूदमत्थीदो ॥५२॥ 53) सपदेसेहिं समग्गो लोगो अद्वेर्हि णिविदो णिच्चो । जो तं जाणदि जीवो पाणचदुक्केण संबद्धो ॥ ५३ ।। 54) इंदियपाणो य तथा बलपाणो तह य आउपाणो य । __ आणप्पाणप्पाणो जीवाणं होति पाणा ते ॥ ५४॥ 54*3) पंच वि इंदियपाणा मणवचिकाया य तिण्णि बलपाणा। ___आणप्पाणप्पाणो आउगपाणेण हौति दसपाणा ॥ ५४*३॥ 55) पाणेहिं चदुहिं जीवदि जीवस्सदि जो हि जीविदो पुव्वं । सो जीवो ते पाणा पोग्गलदव्वेहि णिवत्ता ॥ ५५॥ 56) जीवो पाणणिबद्धो बद्धो मोहादिएहिं कम्मेहिं । . उवभुजदि कम्मफलं बज्झदि अण्णेहिं कम्मेहिं ।। ५६ ॥ 57) पाणाबाधं जीवो मोहपदेसेहिं कुणदि जीवाणं । जदि सो हवदि हि बंधो णाणावरणादिकम्मेहिं ।। ५७ ॥ 58) आदा कम्ममलिमसो धरेदि पाणे पुणो पुणो अण्णे । ण चयदि जाव ममत्तं देहपधाणेसु विसयेसु ॥५८ ॥ 59 जा इंदियादिविजई भवीय उवओगमप्पगं झादि । कम्मेहिं सो ण रंजदि किह तं पाणा अणुचरंति ।। ५९॥ 60) अत्थित्तणिच्छिदस्स हि अत्थस्सत्यंतरम्मि संभूदो । __ अत्थो पज्जाओ सो संठाणादिप्पभेदेहि ॥६० ॥ 61) णरणारयतिरियसुरा संठाणादीहिं अण्णहा जादा। पज्जाया जीवाणं उदयादिहिं णामकम्मस्स ॥ ६१ ॥ __51) A एकमि, c एकम्मि. P एकंहि. 52) K पएसा पएस', AP च for तु, K तमटुं(?). 53) जाणइ, CK चउक्केण , चदुक्काहि.54) CK तहा 54*3) CK मणवचिकाए (येण. 55) c जीविस्सदि, A पाणा पुण for ते पाणा. 56) c मोहादियेहि, AP उब जं for उवभुंजदि. 57) c पदोसेहिं. 58) A धरदि, AP जहदि for चयदि, CK ममत्ति देहपहाणेसु. 59) A विजयी, APC रजदि, A कध, P किध, for किह. 60) K सन्भूदो, A पजायो. 61) A उदयादु हि. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612