Book Title: Pravachan Sara Tika athwa Part 02 Charitratattvadipika
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 2
________________ श्रीमत्कुन्दकुन्दाचार्यविरचित श्री प्रवचनसार टीका तृतीय खंड अर्थात् चारित्रतत्वदीपिका। **33%9€ sa टीकाकार-- श्रीमान् जैनधर्मभूपग धर्मदिवाकर ब्रह्मचारीजी सीतलप्रसादजी, समयसार, नियमसार, समाधिशतक, इष्टोपदेशादिके उल्थाकर्ता व गृहस्थधर्म, आत्मधर्म, प्राचीन जर स्मारक आदिके रचयिता तथा ऑ० सम्पादक " जैनमित्र 'व" पोर"-सूरत । प्रकाशकमूलचन्द किसनदास कापड़िया-मूरत । ' मावृत्ति ] फाल्गुन वर सं० २४५२ [प्रति १३०० "जैनमित्र" के २६ वें वर्षके ग्राहकोंको इटावा निवासी लाला भगवानदासजी जैन अग्रवाल मुपुत्र लाला हुलासरायजीकी ओरसे भेट । Horoppek मूल्य १॥) एक रुपया वारह आना।

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