Book Title: Pratikraman Ek Rahasyamai Yog Sadhna
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 12
________________ x... प्रतिक्रमण एक रहस्यमयी योग साधना अभिरुचि है तथा उस क्षेत्र में सहयोग देने के लिए भी आप सदा अग्रणी रहते हैं। ज्ञान ही जीवन एवं राष्ट्र विकास का मुख्य आधार है तथा प्राच्य संस्कृति को चिरस्थायी रख सकता है। इसी सद्भावना के साथ D. Lit हेतु अध्ययनरत, प्रज्ञा संपन्न साध्वी सौम्यगुणाश्रीजी म.सा. के अध्ययन में सहयोग करने की आपकी प्रबल भावना थी। जब गुरुवर्य्या श्री से अध्ययन सम्बन्धी विषयों की सूक्ष्मता एवं महत्ता को जाना तो आपने उन्हें जन सामान्य में लाने की भावना अभिव्यक्त की। सज्जनमणि ग्रंथमाला यही हार्दिक कामना करती है कि दादी लक्ष्मीबाई द्वारा रोपा गया यह पौधा वटवृक्ष के रूप में समाज को उत्तम फल एवं छाया प्रदान करें। अन्त में कोठारी परिवार से यही कहेंगे नई चेतना, नई स्फूर्ति, नए कर्म का पथ अपनाओ, अपने सरल आचरण द्वारा, स्वर्ग धरा पर ले आओ, कोठारी परिवार की कुल गरिमा को, नभ आँगन में तुम पहुँचाओ, ज्ञान भावों से कर जीवन निर्मल, 'सज्जन' पद को पा जाओ ।

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