Book Title: Prakrit Margopdeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
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| पोप्फल-न-सोपारी.
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पुण-अ-फरीने. . पुण्ण-न-पुण्य. पुत्तलिआ-स्त्री-पुतळी. पुत्त-पुं-पुत्र. पुत्थय-न-पुस्तक. पुधं-अ-जूदूं. पुप्फ-न-पुप्प, फूल. पुप्फिआ-स्त्री-फइ. पुर-न-नगर. पुरा-अ-पहेलां. पुरिम-वि-पूर्व. पुरिस-पुं-पुरुष. पुलोमी-स्त्री-इंद्राणी. पुन्च-वि-पूर्व. पुन्नुपण्ण-वि-पूर्वे थयेलं. पूअण-न-पूजा. पूर-पूर. पूस-पुष्ट थर्बु. पूस-पुं-सूर्य. पूसाण-पुं-सूर्य. पेज-वि-पीवा योग्य. पोक्खर-न-तलाव. पोग्गल-न-पुद्गल, पोग्गलक्खेव-पु-कांकरानुं फेंकg. पोत्यय-न-पुस्तक.
फंस्-अडकवू. फग्गुण-पुं-फाल्गुन, फागण मास. फणस-पुं-फणस. फरिस-स्पर्श करवो. फल्-फळ. फल-न-फळ, फलविवाअ-पुं-परिणाम, फलिह-पुं-स्फटिक. फास्-स्पर्श करवो. फुटू-स्फुट थg. फुङ-वि-स्फुट,
वइल-पु-वळद. वंध्-बांधवं. वंधु-पु-भाइ. वमन्वय-न-ब्रह्मचर्य. वज्झ-वि-वाह्य. बप्पीह-पुं-चातक.
वम्ह-पुं-ब्रह्मा. | बम्हचेर-न-ब्रह्मचर्य.
वम्हण-पुं-त्रासण. ।

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