Book Title: Prakrit Margopdeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
View full book text
________________
( ३२ )
विअण-न-पंखो. विअणा-स्त्री-वेदना. विआण-न-चंदरखो. वि+आव-व्यापg. विछिअ-पुं-वींछि. वि+किण-विक्रय करवो. विग्गह-पु-शरीर. विग्ध-पुं-विघ्न. विनयधम्मसूरि-पु-विशेषनाम, विज-पु-वैद्य. विजत्थि-पुं-विद्यार्थी. विज्जालय-न-विद्यालय. विज्जु-स्त्री-विजली. विजुला-स्त्री-विजली. विज्झ-पु-विंध्याचल. विड्डा-स्त्री-लज्जा. विढन्त-वि-पेदा करतुं. विढव-पेदा करवू. विणय-पुं-विनय. विणा-अ-विना. विण्हु-पुं-विष्णु. वित्त-न-धन. वित्थर-पुं-विस्तार. विदेह-पुं-महाविदेहक्षेत्र. विदुम-पुं-परवाळ..
| विबुह-पुं-देव. विमाणवासि-पुं-वैमानिकदेव. विम्हय-पुं-विस्मय. विम्हर-पु-भूलवं. विर-व्याकुल थg. वि+रम्-अटकवू. विरमण-न-अटकवू. विरमाल्-वाटनोवी. विराहणा-स्त्री-विराधना. विलय-पुं-नाश. विवठ्ठ-वि-वर्त. विवणी-स्त्री-बजार. विवरीअपरूवणा-स्त्री-खोटुं कहेवू. वि+वह-परण. विवाह-पुं-विवाह. विसढ-वि-विषम. विसम-वि-विषम. विसहर-पुं-सर्प. विसाय-पुं-खेद. विसारय-पुं-विद्वान. विहंग-पुं-पक्षी. वि+हर-विहरवू. विहल-वि-विफल. . विहिकय-वि-भाग्य करेलं. | विहीर-वाट जोवी.

Page Navigation
1 ... 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195