Book Title: Prakaran Ratna
Author(s): Nagardas Pragjibhai
Publisher: Nagardas Pragjibhai
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[२१५] सादम्मियाणं मुंजे, जोच्चा सजाय रए य जे स जिरू ॥ ए ॥ नय वुग्गदियंकदं कहेज्जा, नय कुप्पे निहु इंदिए पसंते, संजम धुव जोग जुत्ते, उवसंते उवदेमए जे स जख्खू ॥ १० ॥ जो सदर हू गाम कंटए, अक्कोस पहार तजबाउ य, जयनेरवासह सप्पदा से, सम सुद दुक्ख स देअ जेस जख्खू ॥ ११ ॥ पमिमं पमिव किया मसाणे, नोभीयए जेरवाईदियस्स, विविद गुण तवो रए निच्चं, नसरीरचा निकखए जे स भिख्खू ॥ १२ ॥ असई वोसचत्तदेहे, कुठेवदए व लुसिएवा, पुढवीसमे मुणी दवेज्जा, हानियाणे अकोहलेय जे स निख्ख ||१३|| निय कारण परीसदाई, समुद्धरे जाइपहाड अप्पयं । विउत्तु जाइमरणं मब्जयं; तवे रए सामणिए जे स भिख्खू ॥ १४ ॥ इव संजए पाय संजए, वाय संजए संज इंदिए, अऊप्परए सुसमाही यप्पा, सुत्तहं च वियाण जे स जिल्ख ॥ १५ ॥ उवदिम्म मुहिए अगिद्धे, अन्नाय उनं पुल

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