Book Title: Prakaran Mala Author(s): Ravchand Jechand Shah Publisher: Ravchand Jechand Shah View full book textPage 8
________________ - mas Ramisawan e - हवे वनस्पतीना बे नेद साधारण १ प्रत्येक । वनस्पतीना जीव बे प्रकारे सूत्रे कह्या ॥ साहारण पत्तेप्रावणसई जीवा दुहा सुए नणिया। जेमने अनंता जीव ने शरीर । एक होय साधारण तेने कहीइं॥॥ जेसि मणंताण तणू । एगा साहारणा तेक॥७॥ सुरणादी कंद उगता सणगा नवा फालनी कुपलो पत्र । पंचवरणी| फुलण सेवाल बीलामीना टोप ॥ कंदा अंकुर किसलय। पणगा सेवाल नूमि फोमाय॥ श्रादु कचुरो लीली हलदर गाजर मोथ। बाथलो थेग वा हरीयांमुल पलंकानी जाजी ॥ ए॥ अल्लतिय गजरमोड । वबुला थेग पल्लंका ॥५॥ कुणां फल वली सर्व नथी बंधाणां काष्ट जेहमां तेवां । न देखाय नस जेहनी रक्षा पीनु वा सिणादीकनां पानमां॥ कोमल फलंच सव्वं । गूढ सिराइं सिपाइं पत्ताई ॥ थुहर कुअरनां पानं गुगली व्रक्ष । गलोवेली ए आदे बेद्यां उगे| वृक्ष ते ॥ १० ॥ थोहरि कुवारि गुग्गलि।गलोइ पमुहाय बिनहा। इत्यादीक अनेक वंसकारेला प्रमुख । होय नेद अनंतकायना ॥ चाइणो अणेगे। हवंति नेया अणंतकायाणं ।।। | तेमने समस्त जाणवाने अर्थे । लक्षण वा चीन ए सुत्रे कह्यां ॥११॥ तेसिं परि जाणण। लकण मेयं सुए नणिअं॥१॥ गुप्त नसा सांध्यो गांठ्यो वा कातली वा पर्व । समनागे प्रथ्वी मांहीनां - वृक्ष बेद्यां उगे वक्ष गमुची आदे॥ गूढ सिर संधि पव्वं । सम नंग महीरुहंच बिन्नरुहं॥ - - mmamannmaamiauntamaniruiAawanmamerimemunMurariaawimmine -Page Navigation
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