Book Title: Pradyumna Charit
Author(s): Sadharu Kavi, Chainsukhdas Nyayatirth
Publisher: Kesharlal Bakshi Jaipur

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Page 238
________________ कालगत -- ६६४ कालू --१५ कालो -२८४ कामर ४६१, ५७६ कासमीर—२ काह--५६० काह - १४९, २७२ काहा—४०८ ( २३६ ) कास्य – ३६ काहे -- २५५, ३३३, ३=१ काहो - १०८ ३४८ ३६२ ३६३ काही - १२४, १४३, ३५५ ३८५, ૨, ૦ किउ ६६०, ६६१ किए -- ६८३ किंकर -२०० कि-४०४ किजइ -- ५६६ जि-- ६५६ किन- ३१०, ३३४, ३४८ ३५१, ४७१.४३ किन्तु ३६३ फिम ७२, १७७, ३२३, ४५८, ६४७ किमइ -- ४४० किम् - ३०२, ४६०, ५५५ किम्बह३-५७४ किमान – १७ किमि – २८४ किसु - ४०५, ४०६ किय :-- १४१, २१०, ३२८,३२६, ३३६, ३६७, ४३२, ५३३. ४६२, ६०, ६१६, ६२६, ६५०, ६५६ कियो- १८७ किरण - ५६५ फिलकइ – ५०४ किसन-२४२ कोए-२०७४ ४१४६६० कीम- १४२ कोम्बई-४३ | कीपर – २८, ३२, ४३, ५८, ७६, ८६. १७६, १८५ १=६, २२१, २४८, २५२, २७२, २७३, २८४, ३४२, ३६४ ४३६, ४५५, ६०६, ६१६, ६३०, ६५२,६७, ૬૪ | ! I की यह - ५३० कीयो-५६१ कोर--५७६ कोरति कीरती -२४३ कीहु-४७ क्रीडा - १३०, १८७ कुकहि-६१७ फुकडा—६१८ कुकुबार - ३८२ कुकुवार०—२५० T | कुटम -- ५५५, ५८५ फुटमु - ५६० | फुटंब -५६१,६८०, ६६० कुंड कुंडल–२३५ कुंडलपुर --५६, ४६, ८४८७२ ६२३. ६३२, ६५८ कुंडलपुरि- ३८, ६३५ कुंदु-३४६ * t

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