Book Title: Pradyumna Charit
Author(s): Sadharu Kavi, Chainsukhdas Nyayatirth
Publisher: Kesharlal Bakshi Jaipur
View full book text
________________
शुद्धाशुद्धि-पत्र
पृष्ठ पंक्ति १०३
शुद्ध रुक्मिणी
अशुद्ध रुिक्मणी रुक्मिणी राद उराड़ रुक्मणि रूक्मिणी नारयण रूक्मिणी निम्पल
जाद राई रुक्मिणी
प्रद्यात दग्धति
गुण त्रावास वृक्ष मंगल प्राप्त सकने मक्मिारिण
नारायण रुक्मिणी निभ्यत प्रधम्न दग्धन्ति गुर अवाम वृक्षों मंगल प्राप्त कर सकने रुक्मिणी
x awr or w * * * * * •ew on.or
दाः
दोन
१२०
१२०
रूक्मिणि जामवती मानहि रुक्मिणि बाम रुक्मिणि अठरहवें
१२६
क्रिमणी जामवती सुभानहि फक्मिणी डोम रुक्मिणी अठारहवें भयंकर
१५०
भयकर

Page Navigation
1 ... 305 306 307 308