Book Title: Prachin Stavanavali
Author(s): Mannalal Mishrilal Chopda
Publisher: Mannalal Mishrilal Chopda

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ •·.·• ॐ जंगमयुगप्रधान श्रीजिनदत्त सूरीश्वरजी सद्गुरुभ्यो नमः | प्राचीन स्तवनावली । - e: जिसको श्रीखरतर गच्छ गणाधीश्वर १००८ श्रीजिनयशः सूरिजी महाराजकी सुशिष्या श्रीमति १०८ श्री ' आनन्दश्रीजी' महाराज व श्रीकल्याणश्रीजी के सदुपदेश से मारवार्ड जेसल - मेर-फलोधी आदि नगरों की श्राविका वर्गने छपाकर प्रसिद्ध किया. 050060 मार्फत् मन्नालाल मिश्रीमल चोपड़ा रतलाम - ( मालवा ) प्रति १००० 卐 अमूल्य भेट. श्री वीर सं० २४६०, विक्रम सं० १९९०, सने १९३४. ............ ...

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 160